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Thursday, July 29, 2010

प्यार-मोहब्बत के गानों की दुपहरियों की साप्ताहिकी 29-7-10

सवेरे के त्रिवेणी कार्यक्रम के बाद क्षेत्रीय प्रसारण तेलुगु भाषा में शुरू हो जाता है फिर हम दोपहर 12 बजे ही केन्द्रीय सेवा से जुडते है।

दोपहर 12 बजे का समय होता है इंसटेन्ट फ़रमाइशी गीतों के कार्यक्रम एस एम एस के बहाने वी बी एस के तराने का। हमेशा की तरह शुरूवात में 10 फ़िल्मों के नाम बता दिए गए फिर बताया गया एस एम एस करने का तरीका और इन संदेशों को 12:50 तक भेजने के लिए कहा गया ताकि शामिल किया जा सकें। अक्सर पहला गीत उदघोषक की खुद की पसन्द का सुनवाया गया ताकि तब तक संदेश आ सके। फिर शुरू हुआ संदेशों का सिलसिला। इस सप्ताह अस्सी नब्बे के दशक की फिल्मो का बोलबाला रहा।

शुक्रवार को लोकप्रिय फिल्मे लेकर आई मंजू (द्विवेदी) जी। शुरूवात की बेटा फिल्म के धक धक गीत से। फिल्मे रही - खुदा गवाह, खिलाड़ी, शोला और शबनम, जो जीता वही सिकंदर, बोल राधा बोल, दिल का क्या कसूर। सभी गीतों से रोमांटिक गीत श्रोताओं के संदेशो के अनुसार सुनवाए गए जैसे विश्वात्मा फिल्म से - सात समंदर पार मैं तेरे पीछे पीछे आ गई

शनिवार को निम्मी (मिश्रा) जी ले आई लोकप्रिय फिल्मे। श्रोताओं ने न सिर्फ रोमांटिक गीतों के लिए सन्देश भेजे बल्कि अलग तरह के गीतों के लिए भी जैसे रोजा फिल्म से छोटी सी आशा, अनाडी फिल्म का यह प्यार भरा गीत -

फूलो सा मुखड़ा तेरा कलियों सी मुस्कान हैं
रंग तेरा देख के रूप तेरा देख के कुदरत भी हैरान हैं

डर, दामिनी, खलनायक फिल्मो के गीत और बाजीगर फिल्म का शीर्षक गीत भी सुनवाया गया।

रविवार को राजुल (अशोक) जी ले आई कभी हाँ कभी ना, मैं खिलाड़ी तू अनाडी, हम आपके हैं कौन, रूदाली और श्रोताओं की फरमाइश पर विजयपथ फिल्म का यह गीत बहुत दिन बाद सुना -

राह में उनसे मुलाक़ात हो गई
जिससे डरते थे वही बात हो गई

इस दिन हमने क्षेत्रीय प्रायोजित कार्यक्रम के प्रसारण के कारण 12:15 बजे से सुना।

सोमवार को कमल (शर्मा) जी ने शुरूवात बड़ी मस्त की, रंगीला फिल्म के जोर लगा के नाचे रे गीत से, जो फिल्मे ले आए उसके बड़े मस्त गीत संदेशो के अनुसार सुनवाए। राजा का अंखियाँ मिलाऊँ, ये दिल्लगी का ओले ओले, जेंटलमैन का रूप सुहाना लगता हैं, गुद्दार फिल्म से तुझको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूँ। दिलवाले, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएगे फिल्मो के गीत भी शामिल थे।

मंगलवार को बरसात, अकेले हम अकेले तुम, जीत, क्रिमिनल, बॉम्बे, राजा हिन्दुस्तानी और घातक फिल्मे लेकर आए युनूस (खान) जी जिनके ज्यादातर ऐसे गीतों के लिए श्रोताओं ने सन्देश भेजे जो बहुत लोकप्रिय नहीं हैं।

बुधवार को भी यही हाल रहा। मनीषा जी ले आई फिल्मे - अग्निसाक्षी, तेरे मेरे सपने, खामोशी, दिलजले, दरार, माचिस, इंग्लिश बाबू देसी मेम, अफलातून जिनके ज्यादातर ऐसे गीतों के लिए श्रोताओं ने सन्देश भेजे जो बहुत लोकप्रिय नहीं हैं।

आज अभिनेता संजय दत्त का जन्म दिन हैं इसीलिए उन्ही की अभिनीत फिल्मे चुनी गई। अमरकांत जी ने शुरूवात की मुन्नाभाई एम बी बी एस फिल्म के इस मजेदार गीत से -

चन्दा मामू सो गए सूरज चाचू जागे

लगे रहो मुन्ना भाई, साजन, दुश्मन, सड़क फिल्मो के गीतों के सुनवाए गए।

आधा कार्यक्रम समाप्त होने के बाद फिर से बची हुई फ़िल्मों के नाम बताए गए और फिर से बताया गया एस एम एस करने का तरीका। कार्यक्रम के अंत में अगले दिन की 10 फ़िल्मों के नाम बताए गए। बताए जाते हैं 10 फिल्मो के नाम पर सन्देश इतने अधिक होते हैं कि श्रोताओं की सूची पढ़ते-पढ़ते 8 गीत ही सुनने को मिलते हैं। आज एस एम एस इतने अधिक आए कि 6 ही गीत सुनवाए गए। देश के विभिन्न भागो से संदेश आए। आरम्भ, बीच में और अंत में बजने वाली संकेत धुन ठीक ही हैं। सप्ताह भर इस कार्यक्रम को प्रस्तुत किया विजय दीपक छिब्बर जी ने।

12:55 को झरोका में दोपहर और बाद के केन्द्रीय और क्षेत्रीय प्रसारण की जानकारी तेलुगु भाषा में दी गई।

1:00 बजे कार्यक्रम सुनवाया गया - हिट सुपर हिट। शुक्रवार को अभिनेत्री लीना चंदावरकर पर फिल्माए गए गीत सुनवाए गए। शुरूवात की एक महल हो सपनों का फिल्म के इस गीत से -

दिल में किसी के प्यार का जलता हुआ दिया
दुनिया की आँधियों से भला ये बुझेगा क्या

मनचली फिल्म का शीर्षक गीत, हमजोली, मैं सुन्दर हूँ, बैराग फिल्मो से और महबूब की मेहंदी फिल्म का यह गीत बहुत दिन बाद सुनना अच्छा लगा -

रातो में फिर नींद कहाँ आती हैं
जो लग जाती हैं महबूब की मेहंदी हाथो में

शनिवार को विशेष कार्यक्रम होता हैं। इस दिन ऐसे लोकप्रिय गीत सुनवाए गए जिनमे परदे पर गीत गाने वाले कलाकार का नाम था। शुरूवात की अमर अकबर अन्थोनी फिल्म के गीत से - माई नेम इज एंथोनी गोंजालविज

इसके बाद डान फिल्म का गीत - मैं हूँ डान

राजा जानी फिल्म से - दुनिया का मेला, मेले में लड़की, लड़की अकेली शन्नो नाम उसका

चांदनी फिल्म का शीर्षक गीत

रॉकी फिल्म का शीर्षक गीत - रॉकी मेरा नाम

हिना फिल्म का - मैं हूँ खुश रंग हिना

वाकई शीर्षक की तरह सैटरडे स्पेशल रहा यह कार्यक्रम। इस कार्यक्रम की परिकल्पना जिस किसी की भी हैं उसको सलाम ! गीत इस रूप में भी सुन सकते हैं, यह मैंने सोचा भी नही था। संयोजक का नाम बताना चाहिए था।

रविवार को भी विशेष आयोजन रहा। इस दिन किसी एक कलाकार से बात करते हुए उनके फेवरेट पांच गीत सुनवाए जाते हैं। कार्यक्रम का शीर्षक ही हैं फेवरेट फाइव। पार्श्व गायिका सुनिधि चौहान से फोन पर बातचीत की निम्मी (मिश्रा) जी ने और उनके फेवरेट फाई गीत सुने, पहला गीत सुना - फिर वही रात

लताजी की गाई हीर सुनवाई

सुखविंदर सिंह का गाया गीत - नशा ही नशा हैं

सोनू निगम का गीत - ओ साथिया

समापन किया मन्नाडे के गाए उपकार फिल्म के गीत से - कसमे वादे प्यार वफ़ा सब बाते हैं बातो का क्या

लताजी के साथ पहली मुलाक़ात की चर्चा की, फिर अपनी पसंद के गायक बताए, प्रमुखता से कविता कृष्णमूर्ति, श्रेया घोषाल और महालक्ष्मी को भी पसंद किया और संगीत के बारे में कहा शिक्षा जरूरी हैं। उनके गीतों की झलक के साथ परिचय दिया राजेन्द्र (त्रिपाठी) जी ने। इस कार्यक्रम को प्रस्तुत किया कल्पना (शेट्टी) जी ने तेजेश्री (शेट्टे) जी के तकनीकी सहयोग से। अच्छा रहा कार्यक्रम।

सोमवार को सुनवाए गए बारिश के लोकप्रिय गीत। शुरूवात की मंजिल फिल्म के गीत से। अन्जाना फिल्म का यह बहुत दिन बाद सुनकर अच्छा लगा -

रिमझिम के गीत सावन गाए
भीगी भीगी रातो में

बात हो बारिश की और दो झूठ फिल्म का यह गीत शामिल न हो तो कैसा..

छतरी न खोल उड़ जाएगी

अभिनेत्री, प्यासा सावन फिल्मो के गीत सुन कर वाकई मन भीग गया।

मंगलवार को अभिनेता राज बब्बर पर फिल्माए गीत सुनवाए। शुरूवात की प्रेमगीत फिल्म के गीत से।

मोहब्बत अब तिजारत बन गई हैं

इस गीत की फिल्म का नाम नही बताया। निकाह, भीगी पलकें, वारिस फिल्मो के गीत सुनवाए।

बुधवार को पार्श्व गायक महेंद्र कपूर पर केन्द्रित रहा यह कार्यक्रम। शुरूवात की निकाह फिल्म के गीत से। इसी फिल्म का गीत पिछले दिन राजबब्बर पर केन्द्रित कार्यक्रम में भी सुनवाया गया था। हालांकि गीत अलग थे... जबकि महेंद्र कपूर के गाए गीतों की कमी नही हैं।

क्रान्ति, फकीरा, पेंटर बाबू, फिल्मो के गीत सुनवाए। आए दिन बहार के फिल्म से यह गीत भी सुनवाया गया -

ये कलि जब तलक फूल बनके खिले इन्तेजार करो

आज पार्श्व गायिका सुमन कल्याणपुर के गाए गीत सुनवाए गए। शुरूवात की पहचान फिल्म के गीत से जिसे बहुत दिन बाद सुन कर अच्छा लगा -

आया न हमको प्यार जताना

दिल एक मंदिर, राजकुमार, छोटी सी मुलाक़ात, सूरज फिल्मो के गीत सुनवाए गए।

उनके दो गानों की कमी खाली - एक उनका अति लोकप्रिय गीत, ब्रह्मचारी फिल्म से - आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे और दूसरा उनका शायद फिल्मो में अंतिम गीत हैं - सबक फिल्म से - बरखा बैरन ज़रा थम के बरसों।

1:30 बजे का समय रहा मन चाहे गीत कार्यक्रम का। इस सप्ताह कुछ पुरानी फिल्मो के गीत अधिक सुनवाए गए।

शुक्रवार को अमरकांत जी सुनवाने आए फरमाइशी गीत। हम आपके हैं कौन, आराधना फिल्म से मेरे सपनों की रानी, आन मिलो सजना फिल्म का शीर्षक गीत, और आई मिलन की रात फिल्म के इस गीत के लिए फरमाइश बहुत दिन बाद आई -

तुमने प्यार की बीन बजाई
मैं दौड़ी चली आई

दिल हैं तुम्हारा, बेताब, 1942 अ लव स्टोरी, मोहरा फिल्म से टिप टिप बरसा पानी भी सुनवाया और समापन किया हिना फिल्म के अनारदाना गीत से।

शनिवार को युनूस (खान) जी ने सुनवाए श्रोताओं की फरमाइश पर इन नए पुराने फिल्मो के गीत - गुप्त, हम आपके हैं कौन, भूल भुलैया, आसपास, शोर, क्रान्ति, चश्मेबद्दूर फिल्मो के गीत और धड़कन फिल्म का शीर्षक गीत भी शामिल था और आप आए बहार आई फिल्म के इस गीत के लिए श्रोताओं ने बहुत दिन बाद फरमाइश भेजी -

कोयल क्यों गाए बादल क्यों छाए

रविवार को राजुल (अशोक) जी ले आई राजा जानी, डान, अन्जाना, साजन, महबूब की मेहंदी और नई फिल्मो के गीतों में तेरे नाम फिल्म का शीर्षक गीत। अच्छा लगा एक फूल दो माली फिल्म का यह गीत बहुत दिन बाद सुनना -

ये पर्दा हटा दो ज़रा मुखड़ा दिखा दो

सोमवार को गीत सुनवाने आई निम्मी (मिश्रा) जी। शुरूवात की मौसम के अनुसार गीत से, पाकीजा फिल्म का - मौसम हैं आशिकाना। आ गले लग जा, मेरा गाँव मेरा देश, बाजीगर, जो जीता वही सिकंदर, रब ने बना दी जोडी, वारिस फिल्मो के गीत सुनवाए। नौकर फिल्म का पल्लो लटके गीत भी शामिल था।

मंगलवार को भी गीत सुनवाने आई निम्मी (मिश्रा) जी। नाईट इन लन्दन, कारवां, स्वर्ग-नरक, आपकी क़सम, प्रेम, अभिलाषा, रखवाला, लैला मजनूं फिल्मो के गीत सुनवाए गए और नई फिल्मो में अकेले हम अकेले तुम फिल्म से गीत और यह गीत भी शामिल था -

चलो चले मितवा
इन मीठी मीठी राहों में

बुधवार को राजेन्द्र (त्रिपाठी) जी आए गीत सुनवाने। नए पुराने फिल्मो के गीत सुनने के लिए ई-मेल आए। अधिकार, जेलर, उस्तादों के उस्ताद, खानदान, 3 इडियट, डर, आशिकी, राजा हिन्दुस्तानी, पगला कहीं का फिल्मो के गीत सुनवाए। रतन फिल्म से जोहरा बाई अम्बाले वाली की आवाज में इस गीत को सुन कर आनंद आ गया -

रून झुन बरसे बादरवा मस्त हवाएं छाई

आज गीत सुनवाने आई राजुल (अशोक) जी, शुरूवात पुरानी फिल्म से हुई, आए दिन बहार के फिल्म का शीर्षक गीत। एक महल हो सपनों का, वो लम्हे, राज, मुकद्दर का सिकंदर, एक मुसाफिर एक हसीना, बीवी नंबर 1, खानदान फिल्मो के गीत सुनवाए।

बड़ा आदमी फिल्म का शास्त्रीय गीत - अंखियन संग अंखिया लागे आज

दिल तो पागल हैं फिल्म से सावन राजा का गीत -

घोड़े जैसी चाल हाथी जैसी दुम
ओ सावन राजा कहाँ से आए तुम
चक दुम दुम

भी सुनवाया गया।

बुधवार और गुरूवार के ई-मेल मन चाहे गीत कार्यक्रम में इस सप्ताह मेल संख्या कम ही लगी। अधिकाँश गीत एक ही मेल पर सुनवाए गए। गाने नए पुराने दोनों ही शामिल थे।

इस कार्यक्रम में अन्य कार्यक्रमों के प्रायोजक के विज्ञापन भी प्रसारित हुए और संदेश भी प्रसारित किए गए जिसमें विविध भारती के विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया गया। खासकर 31 जुलाई को रफी साहब को समर्पित होने वाले विशेष कार्यक्रम के प्रसारण के बारे में। बुधवार को आज के फनकार कार्यक्रम अभिनेता रवि वासवानी पर केन्द्रित था जिसकी सूचना भी दी गई, इस दिन उनके निधन का समाचार मिला था।

इस प्रसारण को राजीव (प्रधान) जी, निखिल (धामापुरकर) जी, सुधाकर (मटकर) जी, तेजेश्री (शेट्टे) जी, स्वाती (भंडारकर) जी के तकनीकी सहयोग से हम तक पहुँचाया गया और यह कार्यक्रम श्रोताओं तक ठीक से पहुँच रहा है, यह देखने (मानीटर) करने के लिए ड्यूटी रूम में ड्यूटी अधिकारी रहे रमेश (गोखले) जी।


दोपहर में 2:30 बजे मन चाहे गीत कार्यक्रम की समाप्ति के बाद आधे घण्टे के लिए क्षेत्रीय प्रसारण होता है जिसके बाद केन्द्रीय सेवा के दोपहर बाद के प्रसारण के लिए हम 3 बजे से जुड़ते है।

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