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Thursday, June 17, 2010

प्यार-मोहब्बत के गानों की दुपहरियों की साप्ताहिकी 17-6-10

सवेरे के त्रिवेणी कार्यक्रम के बाद क्षेत्रीय प्रसारण तेलुगु भाषा में शुरू हो जाता है फिर हम दोपहर 12 बजे ही केन्द्रीय सेवा से जुडते है।

दोपहर 12 बजे का समय होता है इंसटेन्ट फ़रमाइशी गीतों के कार्यक्रम एस एम एस के बहाने वी बी एस के तराने का। इस सप्ताह सत्तर के दशक की फिल्मो का राज रहा। हमेशा की तरह शुरूवात में 10 फ़िल्मों के नाम बता दिए गए फिर बताया गया एस एम एस करने का तरीका। पहला गीत उदघोषक की खुद की पसन्द का सुनवाया गया ताकि तब तक संदेश आ सके। फिर शुरू हुआ संदेशों का सिलसिला।

शुक्रवार के लिए सत्तर के दशक की बेहतरीन फिल्मे चुनी गई जिन्हें ले आए कमल (शर्मा) जी। श्रोताओं ने भी इन फिल्मो के बढ़िया गीतों के लिए सन्देश भेजे। मनचली फिल्म का शीर्षक गीत, हीरा पन्ना, अमर प्रेम, अपराध, दो फूल, जोशीला, ज्वार भाटा , हिन्दुस्तान की कसम और सौदागर फिल्म का यह प्यारा सा गीत - सजना हैं मुझे सजना के लिए

और झील के उस पार फिल्म का यह गीत जिसे बहुत लम्बे समय बाद सुना -

क्या नज़ारे क्या सितारे सबको हैं इन्तेजार
तू कब सब देखेगी

शनिवार को निम्मी (मिश्रा) जी ले आई फिल्मे - रोटी कपड़ा और मकान, प्रेमनगर, बिदाई, आप की कसम, हाथ की सफाई, दोस्त। इस दिन अमीर गरीब फिल्म भी थी जिसका यह गीत श्रोताओं के सन्देश पर सुनवाया गया -

मैं आया हूँ लेके साज हाथो मैं

जो वास्तव में जोशीला फिल्म का गीत हैं। जोशीला फिल्म पिछले दिन के कार्यक्रम में शामिल थी।

रविवार के लिए हमशक्ल, कोरा कागज़, खान दोस्त जैसी फिल्मे चुनी गई।

सोमवार को नन्द किशोर (पाण्डेय) जी ने बड़ी मस्त शुरूवात की मनोरंजन फिल्म के इस गीत से जिसे बहुत दिन बाद सुन कर अच्छा लगा -

आया हूँ मैं तुझको ले जाउंगा अपने साथ तेरा हाथ थाम के
नहीं रे नहीं रे नहीं जाउंगी तेरे साथ तेरा हाथ थाम के

कुंवारा बाप, पिया का घर, प्राण जाए पर वचन न जाए, रजनी गंधा, चौकीदार, आक्रमण, कालीचरण और पुरानी फिल्मे आखिरी दांव और मदहोश भी शामिल थी।

मंगलवार को शोले, संन्यासी, धर्मात्मा, रफूचक्कर, खेल खेल में, चोरी मेरा काम, वारंट, दीवार, प्रतिज्ञा फिल्मे लेकर आए कमल (शर्मा) जी जिनके रोमांटिक गीतों के लिए श्रोताओं ने सन्देश भेजे और साथ ही धरम करम का यह अलग भाव का गीत भी संदेशो के अनुसार सुनवाया गया -

तेरे हमसफ़र गीत हैं तेरे
गीत ही तो जीवन मीत हैं तेरे

बुधवार को रेणु (बंसल) जी ने बड़ी अच्छी शुरूवात की, मुकेश के गाए छोटी सी बात फिल्म के इस गीत से जिसे कम ही सुनवाया जाता हैं -

ये दिन क्या आए लगे फूल हँसने
होने लगे बसंती सपने

इसके साथ आंधी, अमानुष, मिली, जूली, मौसम, चुपके-चुपके, गीत गाता चल और एक महल हो सपनों का फिल्मो के गीत सुनवाए गए।

आज क्षेत्रीय प्रसारण थोड़ा देर तक चला जिससे केन्द्रीय सेवा से जुड़ने तक पहला गीत शुरू हो चुका था जो मौसम का तकाजा रहा, दो झूठ फिल्म का गीत -

छतरी न खोल उड़ जाएगी बारिश तेज हैं

गीत सुनवाने आए राजेन्द्र (त्रिपाठी) जी। अन्य फिल्मे रही - दो जासूस, काला सोना, जिन्दगी और तूफ़ान, जख्मी, जमीर, हिमालय से उंचा, रानी और लाल परी और बहुत दिन बाद शामिल हुई नायिका मुमताज की चुनिन्दा बेहतरीन फिल्मो में से एक फिल्म - नाटक जिसमे राजेश खन्ना भी हैं और मौसमी चटर्जी भी हैं। इसके इस बढ़िया शीर्षक गीत की फरमाइश बहुत से श्रोताओं ने की -

जिन्दगी एक नाटक हैं हम नाटक में काम करते हैं

आधा कार्यक्रम समाप्त होने के बाद फिर से बची हुई फ़िल्मों के नाम बताए गए और फिर से बताया गया एस एम एस करने का तरीका। कार्यक्रम के अंत में अगले दिन की 10 फ़िल्मों के नाम बताए गए। आरम्भ, बीच में और अंत में बजने वाली संकेत धुन ठीक ही हैं। देश के विभिन्न भागो से संदेश आए। सप्ताह भर इस कार्यक्रम को प्रस्तुत किया विजय दीपक छिब्बर जी ने।

12:55 को झरोका में दोपहर और बाद के केन्द्रीय और क्षेत्रीय प्रसारण की जानकारी तेलुगु भाषा में दी गई।

1:00 बजे कार्यक्रम सुनवाया गया - हिट सुपर हिट। यह कार्यक्रम हर दिन एक कलाकार पर केन्द्रित होता है, उस कलाकार के हिट सुपरहिट गीत सुनवाए जाते है।

शुक्रवार को अभिनेत्री परवीन बॉबी पर फिल्माए गीत सुनवाने आए कमल (शर्मा) जी। उनकी हिट फिल्मो के हिट गीत सुनवाए जिसमे उनके द्वारा गाये गीत भी शामिल थे फिल्म शान, नमक हलाल से और अन्य फिल्मे गुद्दार, पुकार के गीत सुनवाए।

शनिवार को निम्मी (मिश्रा) जी ने पार्श्व गायक के के के गाए हिट गीत सुनवाए फिल्म मैं हूँ ना, बचना ऐ हसीनो, जन्नत, हम दिल दे चुके सनम फिल्मो से, यह लोकप्रिय गीत भी शामिल था -

लुट गए हम तेरी मोहब्बत में

रविवार को पार्श्व गायक आतिफ असलम के गाए हिट गीत सुनवाए। जहर, रेस, किस्मत कनेक्शन, अजब प्रेम की गजब कहानी फिल्मो के गीत सुनवाए।

सोमवार को नन्द किशोर (पाण्डेय) जी ने सुनवाए संगीतकार प्रीतम के स्वरबद्ध किए गीत। शुरूवात हुई अजब प्रेम की गजब कहानी फिल्म के इस गीत से -

तेरा होने लगा हूँ जब से मिला हूँ

धूम फिल्म का शीर्षक गीत, अपना सपना मनी मनी, गैंगस्टर, जब वी मेट फिल्मो के गीत सुनवाए गए। इस सप्ताह प्रीतम का चुनाव ठीक नहीं लगा क्योंकि पिछले दो दिन नए गायकों के गीतों में, अधिकाँश गीतों में प्रीतम का ही संगीत था।

मंगलवार को पार्श्व गायक सोनू निगम और अलका याज्ञिक के गाए युगल गीत सुनवाए कमल (शर्मा) जी ने। रेफ्यूजी, जब प्यार किसी से होता हैं, यादें फिल्मो के गीत, कभी अलविदा न कहना फिल्म का शीर्षक गीत और यह बढ़िया गीत भी शामिल था -

सूरज हुआ मद्धम चाँद जलने लगा

बुधवार को रेणु (बंसल) जी ने अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती पर फिल्माए गीत सुनवाए। शुरूवात की तराना फिल्म के इस गीत से जिसे बहुत दिन बाद सुना -

गुंचे लगे हैं गहने
फूलो से गीत सुना हैं तराना प्यार का

गुलाम, प्यार झुकता नही फिल्मो के गीत भी शामिल थे। डिस्को डांसर फिल्म का शीर्षक गीत भी सुनवाया जिससे वो स्टार बने।

आज राजेन्द्र (त्रिपाठी) जी ने सुनवाए अभिनेता शाहिद कपूर पर फिल्माए गीत। मोर्चा ही मोर्चा, किस्मत कनेक्शन, दिल मांगे मोर, इशक-विश्क फिल्म का शीर्षक गीत और विवाह फिल्म का चर्चित गीत - मिलन अभी आधा अधूरा हैं

1:30 बजे का समय रहा मन चाहे गीत कार्यक्रम का। सप्ताह भर नए पुराने गीत सुनवाए गए। पत्रों पर आधारित फ़रमाइशी गीतों में -

शुक्रवार को राजेन्द्र (त्रिपाठी) जी सुनवाने आए फरमाइशी गीत। कल आज और कल, रूप तेरा मस्ताना, गोरा और काला, वंश, आराधना, त्रिदेव फिल्मो से रोमांटिक गीत, मोहरा फिल्म का मस्त-मस्त गीत, धड़कन फिल्म से शादी ब्याह का गीत और समापन किया आन मिलो सजना फिल्म के इस गीत से -

अच्छा तो हम चलते हैं

शनिवार को युनूस (खान) जी ने सुनवाए श्रोताओं की फरमाइश पर इन फिल्मो के गीत -लैला मजनूं, कभी-कभी, पारस, हमजोली, महबूब की मेहंदी और नई फिल्मे जैकपौट, पहेली, मुझसे शादी करोगी और रिफ्यूजी फिल्म का गीत -

पंछी नदिया पवन के झोके
कोई सरहद न इन्हें रोके

रविवार को राजुल (अशोक) जी ले आई ब्रह्मचारी, गद्दार, साथ-साथ, जीवन मृत्यु, जवानी दीवानी, खामोशी - द म्यूजिकल, हकीक़त, और जिगरी दोस्त फिल्म का यह गीत -

रात सुहानी जाग रही हैं
धीरे धीरे चुपके चुपके चोरी चोरी

सोमवार को गीत सुनवाने आई रेणु (बंसल) जी। इस दिन नए गीत अधिक रहे। जुर्म, मोहरा, कुछ तो हैं, आशिक बनाया आपने, सपने, कच्चे धागे, रॉकी फिल्मो के गीत सुनवाए और यह गीत भी शामिल था -

हमको हमीं से चुरा लो

मंगलवार को निम्मी (मिश्रा) जी ने पहले ही गीत में मौसम का हाल बता दिया। लगान फिल्म के इस गीत से शुरूवात की -

घनन घनन घिर आए बदरा

युवा, बेताब, आ जा नच ले, बुढ्ढा मिल गया, अशोका, अजनबी, क़यामत से क़यामत तक, शोर फिल्मो के गीत सुनवाए गए। इस तरह इस दिन नए पुराने मिले जुले गीत सुनवाए गए, सुनवाने का क्रम भी मिलाजुला अच्छा रहा।

बुधवार को अशोक (सोनामणे) जी आए गीत सुनवाने। नए पुराने फिल्मो के गीत सुनने के लिए ई-मेल आए। शुरूवात में सुनवाया रेडियो फिल्म का हिमेश रेशमिया का गाया यह गीत -

मन का रेडियो बजने दे ज़रा

तुम से अच्छा कौन हैं, पत्थर के सनम, राजहट, राजा, दिल, गोलमाल, बार्डर, जूली फिल्मो के गीत सुनवाए गए और कुदरत फिल्म के परवीन सुल्ताना के गाए इस गीत को सुन कर आनंद आ गया -

हमें तुम से प्यार कितना ये हम नही जानते
मगर जी नहीं सकते तुम्हारे बिना

आज शुरूवात पुरानी फिल्म से हुई, परख फिल्म का गीत -

ओ सजना बरखा बहार आई

काला बाजार, पिया का घर, तीसरी क़सम, पत्थर के सनम, हम दोनों, चांदनी, मरते दम तक फिल्मो के गीत सुनवाए गए और अंखियो के झरोखे से फिल्म का शीर्षक गीत भी शामिल था।

बुधवार और गुरूवार के ई-मेल मन चाहे गीत कार्यक्रम में इस सप्ताह मेल संख्या कम ही लगी। अधिकाँश गीत एक ही मेल पर सुनवाए गए।

इस कार्यक्रम में अन्य कार्यक्रमों के प्रायोजक के विज्ञापन भी प्रसारित हुए और संदेश भी प्रसारित किए गए जिसमें विविध भारती के विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया गया। दूरदर्शन की फिल्मो की जानकारी भी दी।

इस प्रसारण को स्वाती (भंडारकर) जी, तेजेश्री (शेट्टे) जी, निखिल (धामापुरकर) जी के तकनीकी सहयोग से हम तक पहुँचाया गया, नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) से सुधाकर (मटकर) जी ने इस प्रसारण के तकनीकी पक्ष को सम्भाला और यह कार्यक्रम श्रोताओं तक ठीक से पहुँच रहा है, यह देखने (मानीटर) करने के लिए ड्यूटी रूम में ड्यूटी अधिकारी रहे रमेश (गोखले) जी।

दोपहर में 2:30 बजे मन चाहे गीत कार्यक्रम की समाप्ति के बाद आधे घण्टे के लिए क्षेत्रीय प्रसारण होता है जिसके बाद केन्द्रीय सेवा के दोपहर बाद के प्रसारण के लिए हम 3 बजे से जुड़ते है।

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