सबसे नए तीन पन्ने :

Saturday, June 26, 2010

1. मेरी बजाई हुई माऊथ ओर्गन (हार्मोनिका) पर दूसरी धून 2. रेडियो सिलोन से उपलब्ध एक कम जाने अच्छे गीत की

आदरणिय पाठको,

जनवरी, 2010 की शुरूआतमें मैनें मेरी ख़ूद माऊथ ओरगन पर बजाई फिल्म एक ही रास्ता के गीत साँवरे सलोने की धून इस मंच पर रख़ी थी, जिनको कुछ हद तक़ सकारात्मक प्रतिबाव मिला था और सागर भाईने फ़िर ऐसी कोशीश करने के लिये अपनी टिपणीमें अनुरोध किया था तो उस अनुरोध को मध्यनज़र रख़ते हुए फ़िल्म सीआईडी के गीत अय दिल मुश्कील जीना यहाँ को बजाया है । वैसे यु-ट्यूब पर तो कुछ दिनों से यह चढ़ा दिया था पर मंअल और शुक्रवार तो अन्नपूर्णाजी के लिये छोड़ देते है । तो इस लिये इतने दिन हो गये तो नीचे सुनिये, देख़ीये और (टिपणी) लिख़ीय्रे ।


जैसे इस ब्लोग के मंच पर आपको सुचीत किया गया है रेडियो सिलोन (श्री लंका) के रात्रीकालीन हिन्दी-अंग्रेजी के मिलेजूले प्रसारण को वेब से सुनने के लिये तो कितने पाठकोने सुना वह तो पता नहीं चला पर कभी कभी आम सिनेसंगीत शोक़ीन लोगों के लिये कुछ हद तक अनजान गाने कैसे प्रस्तूत किये जाते है इसकी मेरे इसी साईट से पाये हुए एक गाने की सिर्फ़ झलक प्रस्तूत करता हूँ । वैसे पूरा गाना मेरे पास है पर कई बार पाठकोने प्रतिभाव देने की बात टाल कर मूझे काफ़ी हद तक़ निराश किया है इस लिये अब आज से कभी भी पूरा गाना या पूरी धून यहाँ मेरी और से किसी भी कलाकार के संदर्भमें प्रस्तूत नहीं करूँगा पर सिर्फ़ झलके ही रखूँगा । और ज्यादा टिपणी मिली तभी इसे अपडेट या पूरक पोस्ट में रख़ने का या उन टिपणीकारों के निज़ी इ मेईल आईडी पर भेजने का इरादा रख़ता हूँ । हा, टिपणीमें हकीकत की गलती (भाषा की गलती को सागरभी क्षमा करें)की और विनय विवेक के साथ घ्यानाकर्षित करना तो जरूरी है, और मैं भी वैसा करता हूँ । तो सुनिये
श्रीमती ज्योति परमार की उद्दघोषणा के साथ ।

पियुष महेता (सुरत )

6 comments:

अफ़लातून said...

सामान्य.

annapurna said...

अच्छा लगा।
अभी मैंने सिलोन नही सुना हैं, सुन कर बताउंगी।

નરેશ કાપડિયા said...

Dear Piyushbhai,

It was refreshing tune of OPN. Enjoyed. The song has such a inherent quality that it is more beautiful on Mouth Organ. You did a fine job. Congrets.. Naresh

सागर नाहर said...

वाह, वाह!
बहुत सुन्दर बजाया पियुष भाई आपने। उम्मीद करता हूं कुछ और भी अच्छे गानों की धुनें आप हमें यहां सुनायेंगे।
एक फरमाईश भी की है, आपको।
:)

Bhagyendra Patel said...

r

Bhagyendra Patel said...

Piyushbhai,
It is very nice to listen your mouth-organ tune.
Its very fantastic that my 10 year old son Mridang immediately identified the tune.. "Yeh Hai Mumbai Meri Jaan.." before me!
Keep up.
Regards
Bhagyendra, New Delhi

P.S.: Did you have seen an article on Chader Navani regarding SLBC in Outlook (Hindi), August 2010 issue?

Post a Comment

आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।

अपनी राय दें